गहलोत केबिनेट में शिक्षा विभाग के 14 बड़े फेसलो को मंजूरी, नई भर्तियों, पद्दोन्ति, न्यूनतम अंक सहित लिए गए कही बड़े फैसले।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। गहलोत कैबिनेट ने शिक्षा विभाग में भर्तियों पदोन्नति न्यूनतम अंक में बदलाव सहित करीब 14 बड़े फैसले लिए गए जिसके लिए प्रेस नोट जारी कर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जानकारी दी।
1. राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021:-
सबसे बड़ा बदलाव राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 एवं राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 जो लगभग 50 वर्ष पुरानी स्थिति में होने के कारण शिक्षा विभाग पुरानी व्यवस्थाओं पर चल रहा था अब उक्त दोनों नियमों में अनेक संशोधन किए जा चुके हैं तथा वर्तमान परिपेक्ष्य में कई संशोधन अपेक्षित होने कारण उक्त नियमों की विसंगतियों एवं जटिलताओं को दूर करने के लिए अब दोनों नियमों का पुनर लेखन किया जाकर राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 बनाए गए हैं।
उक्त नियम के बनने के बाद शिक्षा विभाग के कार्यों को गति मिलेगी तथा विसंगतियां दूर होने के कारण नवीन पदों के सर्जन पदोन्नति होने के चलते लाखों बेरोजगारों को रोजगार सुगमता से उपलब्ध हो सकेगा इसके साथ ही शिक्षा विभाग के चार लाख से अधिक कार्यरत कार्मिकों को इसका लाभ मिलेगा।
2.अतिरिक्त निदेशक एवं सयुंक्त निदेशक के पदों पर पद्दोन्ति में बदलाव: अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति हेतु सुख निदेशक के 1 वर्ष के अनुभव के साथ कुल 4 वर्ष के अनुभव का प्रावधान किया गया है जहां पहले शुभ निदेशक के पद का 3 वर्ष का अनुभव आवश्यकता इसके चलते पदोन्नति हेतु समय पर तथा लंबे समय के लिए अधिकारी उपलब्ध हो सकेगी तथा प्रशासनिक पर्यवेक्षण संभल कार्यों को गति मिलेगी जिसका करीब 533 कार्मिकों को लाभ मिलेगा।
इसी प्रकार संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति हेतु उपनिदेशक के 1 वर्ष के अनुभव के साथ कुल 4 वर्ष का अनुभव का प्रावधान किया गया है जहां पहले जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर 3 वर्ष के अनुभव आवश्यकता जिसके चलते पदोन्नति हेतु समय पर तथा लंबे समय के लिए अधिकारी उपलब्ध होंगे तथा इस नियम से करीब 514 डीडी/DEEO के पदों का लाभ मिलेगा
3. जिला शिक्षा अधिकारी के पदों पर पद्दोन्ति के नियमो में बदलाव: आज की कैबिनेट मीटिंग में जिला शिक्षा अधिकारी के पदों को 50% सीधी भर्ती से भरे जाने के प्रावधान का विलोपन का शत प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है जिससे वर्तमान में विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी के तीन सो तेईस रिक्त पदों को भरे जाने का कार्य पूर्ण हो सकेगा जिसका लगभग तीन सो तेईस प्रधानाचार्य एवं उसे निम्न पद वाले संबंधित कार्मिकों को लाभ मिलेगा।
4.प्रधानचार्य पदोन्नति में बदलाव:-प्रधानाचार्य एवं समकक्ष पदों हेतु व्याख्याता एवं प्रधानाध्यापक से पदोन्नति के लिए अब अनुपात 80: 20 किया गया है जिससे विभाग को रिक्त पदों पर प्रधानाचार्य लंबे समय के लिए मिल सकेंगे जिसका लगभग 1500 से अधिक व्याख्याताओं की पदोन्नति के अवसर उपलब्ध होंगे इससे निम्न पद वाले संबंधित कार्मिकों को लाभ मिल सकेगा।
5. प्रधान अध्यापक पद की योग्यता को स्नातक से अधिक स्नातक किया गया है जिससे उच्च योग्यता वाले प्रधानाध्यापक उपलब्ध हो सकेंगे तथा उच्च योग्यता प्राप्त करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
6. व्याख्याता की सीधी भर्ती एवं पदोन्नति हेतु अधिक समय तक के साथ साथ स्नातक स्तर का उसी विषय के अध्ययन को अनिवार्य किया गया है जिससे विषय की आधारभूत जानकारी रखने वाले व्याख्याताओं को चयन हो सकेगा तथा कक्षा 11 एवं 12 में अध्यनरत लगभग 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों हेतु अध्यापन स्तर में गुणात्मक सुधार होगा।
6. इसके साथ ही व्याख्याता शारीरिक शिक्षा के पद को एनकेडर किया गया है जहां विभाग को 254 व्याख्याता शारीरिक शिक्षक अब उपलब्ध हो सकेंगे जिससे कक्षा 11 एवं 12 अध्यनरत 10 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो गए एवं 254 वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक तथा 254 शारीरिक शिक्षक ग्रेड 3 को पदोन्नति का अवसर उपलब्ध होगा।
7. इसी प्रकार पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड प्रथम का पद एंड कैटरर किया गया है जिससे विभाग को 41 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड प्रथम उपलब्ध होंगे तथा 41 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 2 तथा 41 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 3 को पदोन्नति का अवसर उपलब्ध होगा।
8. पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 2 के पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति पर लगी रोक को हटा दिया गया है जिससे पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 2 उपलब्ध हो सकेंगे तथा 613 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 3 चाचा 1224 बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
9. शारीरिक शिक्षक ग्रेड 3 पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड 2 एवं 3 की योग्यता एनसीटी के अनुसार संशोधित की गई है जिससे योग्यता अनुसार कार्मिक उपलब्ध होंगे तथा फर्जी डिग्री लाने वाले व्यक्तियों पर अंकुश लगेगा।
10. आज की कैबिनेट में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय प्रतियोगी परीक्षाओं से चयन हेतु न्यूनतम उतीर्ण अंक का प्रावधान किया गया है जहां अब 40% न्यूनतम उतीर्ण अंक तथा इसमें विभिन्न कैटेगरी को नियमानुसार छूट देने के बाद न्यूनतम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी ही व्याख्याता सेकंड ग्रेड सहित अन्य पदों के लिए योग्य हो सकेंगे।
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